उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद् सेवा (Service Recruitment Rules) नियमावली
1– संक्षिप्त शीर्षक
1-1 |
इन नियमों को उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् सेवानियमावली कहा जायेगा। |
1-2 |
यह नियमावली गन्ना शोध परिषद् के अन्तर्गत विभिन्न शोध केन्द्रों, संस्थानों तथा मुख्यालय में कार्यरत समस्त अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर दिनॉंक 01–04–1980 से लागू समझी जायेगी। |
1-3 |
उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् के मुख्यालय अथवा शोध केन्द्र अथवा संस्थानों पर समय–समय पर कार्य पर लगाये गये दैनिक वेतन भोगी शिक्षित अथवा अशिक्षित कर्मचारियों एवं श्रमिकों पर ये नियम लागू नहीं होंगे। |
1-4 |
जो कर्मचारी तथा अधिकारी गन्ना शोध परिषद् के निर्माण के पहले गन्ना शोध संगठन में कार्यरत थे और उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् के गठन होने पर नोशनल प्रतिनियुक्ति पर घोषित किये गये थे उन पर यह नियम विहित संस्तुति के अनुरूप विलयन की स्वीकृति अथवा नियुक्ति जैसी स्थिति हो, की तिथि से विलयन अथवा नियुक्ति की शर्तों के अनुसार लागू समझे जायेंगे। |
2–परिभाषायें
इस नियमावली में जब तक कि किसी अन्य संदर्भ में प्रयुक्त न हुये हों :– |
2-1 |
परिषद् से अभिप्राय उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् से है। |
2-2 |
"चेयरमैन" से अभिप्राय उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की गवर्निंगबाडी के ’’चेयरमैन’’ से है। |
2-3 |
गवर्निंगबाडी’’ से अभिप्राय उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की यथाविधि गठित गवर्निंगबाडी से है। |
2-4 |
"शासन" से अभिप्राय उ0प्र0 शासन से है। |
2-5 |
"राज्य सरकार" से अभिप्राय उ0प्र0 राज्य सरकार से है। |
2-6 |
’भारतीय नागरिक’’ से अभिप्राय उस व्यक्ति से है जो भारत के संविधान के भाग–2 के प्राविधानों के अधीन भारत का नागरिक माना या समझा जाता है। |
2-7 |
’निदेशक’’ से अभिप्राय उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् के निदेशक से है। |
2-8 |
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी’’ से अभिप्राय उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से है। |
2-9 |
वर्ष’’ से अभिप्राय कैलेण्डर वर्ष के अप्रैल मास के प्रथम दिनॉंक से लेकर अगले वर्ष 31 मार्च तक की अवधि से है। |
2-10 |
परिषद् के कर्मचारी’’ से अभिप्राय ’’परिषद्’’ अथवा उसके अन्तर्गत मुख्यालय तथा अन्य स्थानों पर परिषद् के नियंत्रण में स्थित गन्ना शोध संस्थानों, गन्ना अभिजनन संस्थानों, गन्ना शोध केन्द्रों अथवा गन्ना सम्वर्धन प्रक्षेत्रों से सम्बन्धित किसी भी स्थाई अथवा अस्थाई, परिषद् द्वारा पूर्णत: अथवा अंशत: व्यय वहन की जाने वाली योजनाओं तथा परिषद् के नियंत्रण में चलाई जाने वाली अन्य किसी योजना हेतु समय–समय पर नियुक्त किये गये स्थाई अथवा अस्थाई अधिकारी अथवा कर्मचारी से है। यहॉं यह स्पष्ट किया जाता है कि परिषद् में शासनादेश संख्या 4699 सी0डी0/12 एच–1000 (15)/76, दिनॉंक 15–12–76 के अनुच्छेद–6 में वर्णित प्रक्रिया के फलस्वरूप परिषद् में विलयित राज्य सरकार के भूतपूर्व शोध संगठन में कार्यरत अधिकारी अथवा कर्मचारी भी विलयन के पश्चात् परिषद् के ही कर्मचारी अनुमन्य होंगे। लेकिन किसी भी प्रकार के दैनिक वेतन भोगी श्रमिक व कर्मचारी परिषद् के कर्मचारी नहीं माने जायेंगे। |
उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित
3-सेवाओं एवं पदों का वर्गीकरण
3-1 |
परिषद् में सेवाओं का वर्गीकरण निम्न प्रकार होगा :– |
(अ)वैज्ञानिक वर्ग
वैज्ञानिक वर्ग का कार्मिक वह कर्मचारी होगा जो गन्ना शोध अथवा प्रशिक्षण में कार्यरत हो। गन्ना शोध अथवा गन्ना उत्पादन के प्रशिक्षण में कार्यरत कर्मचारी इसी वैज्ञानिक वर्ग में माना जायेगा। इस वर्गीकरण हेतु गन्ना शोध के विशिष्ट क्षेत्र भौतिक, जैविक तथा प्राविधिक मात्र होंगे परन्तु परिषद् की गवर्निंगबाडी अपने प्रस्ताव से किसी भी समय सॉंख्यिकी अभियंत्रण अथवा सामाजिक क्षेत्र के किन्हीं विशिष्ट पदों को इस वर्ग में सम्मिलित कर सकेगी। वैज्ञानिक वर्ग में वह कर्मचारी भी सम्मिलित माने जायेंगे जो गन्ना शोध के नियोजन कार्यक्रम निर्धारण अथवा प्रबन्धन में कार्यरत हों । लेकिन एक्सटेन्शन, इकोनोमिक्स, स्टेटिस्टिक्स तथा फार्म मैनेजमेन्ट में कार्यरत कर्मचारी/अधिकारी वैज्ञानिक वर्ग में नहीं माने जायेंगे।
(ब)तकनीकी वर्ग
तकनीकी वर्ग का कार्मिक वह कर्मचारी होगा जो ऐसी गन्ना शोध अथवा प्रशिक्षण हेतु सहायक तकनीकी सेवा में कार्यरत हैं, चाहे वह प्रयोगशाला में हो, चाहे कर्मशाला में अथवा प्रशिक्षण या शोध अथवा व्यापारिक उत्पादन के वास्तविक स्थानों में। पुस्तकालय, अभिलेख, प्रकाशन एवं कृषि प्रसारण में कार्यरत कर्मचारी भी इसी वर्ग में सम्मिलित होगें।
(स)प्रशासकीय वर्ग
प्रशासकीय अथवा प्रशासनिक कार्मिक वे कर्मचारी होगें, जो प्रयोगशाला, शोध संस्थान, अभिजनन संस्थान, शोध केन्द्र, सम्वर्धन प्रक्षेत्र अथवा परिषद के मुख्यालय में संगठन के कार्य के निष्पादन में प्रशासकीय सेवाओं का योगदान देते हों। लेखा एवं आन्तरिक संप्रेक्षण सम्बन्धी कर्मचारी/अधिकारी इसी वर्ग में सम्मिलित होगें।
(द)सहायक वर्ग
सहायक वर्ग में वे कर्मचारी होगें, जो सीधे–सीधे शोध कार्य अथवा प्रशिक्षण कार्य से सम्बद्ध नहीं है तथा जो वैज्ञानिक, तकनीकी अथवा प्रशासकीय वर्ग में नहीं वर्गीकृत होते।
उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित
(य) अनुगामी वर्ग
अनुगामी वर्ग का कार्मिक वह कर्मचारी होगा जो उपरिवर्णित चतुर्वर्गों में वगीकृत नहीं होता तथा उक्त चतुर्वर्गीय कार्मिकों के कार्यों के निष्पादन में सहायता हेतु अनुगामी अथवा अन्य सेवाओं में कार्यरत हों। इस वर्ग में अकुशल, अद्र्धकुशल तथा कुशल कर्मचारी भी उक्त परिभाषा के अन्तर्गत रहते हुये सम्मिलित होंगे। |
3-2 |
परिषद् के विभिन्न पदों का वर्गीकरण निम्न प्रकार होगा। यह वर्गीकरण यात्रा–भत्ता नियमों हेतु लागू नहीं होगा :– |
प्रथम श्रेणी यह पद
जिनका वेतनमान रु0 15600-39100 ग्रेड वेतन रु0 6600/- प्रतिमास या उससे अधिक
न हो |
द्वितीय श्रेणी यह पद जिनका वेतनमान रु0 15600-39100
ग्रेड वेतन रु0 5400/- प्रतिमास अथवा उससे अधिक किन्तु वेतनमान रु0 15600-39100
ग्रेड वेतन रु0 6600/- से कम हो।
तृतीय श्रेणी जिनका वेतनमान रु0 5200-20200 ग्रेड वेतन
रु0 1900/- प्रतिमास अथवा उससे अधिक किन्तु वेतनमान रु0 15600-39100 ग्रेड
वेतन रु0 5400/- से कम हो।
चतुर्थ श्रेणी समस्त वह पद जिनका वेतनमान रु0 5200-20200
ग्रेड वेतन रु0 1900/- से कम हो। |
4-पदों का सृजन, समापन, न्यूनीकरण तथा उनके वेतन भत्तों का निर्धारण
4-1 |
परिषद् के कार्यों के उचित एवं सुव्यवस्थित ढंग से निष्पादनार्थ नये पदों के सृजन करने, उनकी पूर्ति की प्रक्रिया निर्धारित करने, उनका वेतनमान निश्चित करने तथा सृजित पदों की संख्या घटाने, बढ़ाने या उन्हें बिल्कुल समाप्त करने का अधिकार परिषद् के रूल्स तथा रेगूलेशन्स के रूल–38 के प्राविधानानुसार गवर्निंगबाडी को होगा किन्तु कार्यहित में यदि ऐसा किया जाना अपरिहार्य हो तो परिषद् के चेयरमैन प्रथम श्रेणी अथवा द्वितीय श्रेणी के अस्थाई पद केवल 90 दिनों तक के लिये कार्य निष्पादन हेतु सृजित कर उनकी तदर्थ पूर्ति कर सकते हैं।
प्रतिबन्ध यह है कि ऐसे समस्त सृजित पद किसी भी दशा में 90 दिन से अधिक अवधि तक बिना गवर्निंगबाडी के अनुमोदन के नहीं चलाये जा सकेंगे।
अग्रेत्तर प्रतिबन्ध यह है कि इस प्रकार सृजित 90 दिवसीय पदों की कुल संख्या किसी भी दशा में किसी एक श्रेणी में एक वर्ष में कुल 04 पदों से अधिक नहीं होगी।
इस प्रकार कार्यहित में यदि ऐसा किया जाना अपरिहार्य हो तो परिषद् के निदेशक तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के अस्थाई पदों का सृजन 90 दिनों तक के लिये कार्य निष्पादनार्थ सृजित कर उनकी तदर्थ आपूर्ति कर सकते हैं।
प्रतिबन्ध यह है कि ऐसे समस्त सृजित पद किसी भी दशा में 90 दिवस से अधिक अवधि तक बिना गवर्निंगबाडी के अनुमोदन के नहीं चलाये जायेंगे। अग्रेतर प्रतिबन्ध यह भी है कि इस प्रकार सृजित 90 दिवसीय पदों की कुल संख्या तृतीय श्रेणी में 01 वर्ष में 10 तथा चतुर्थ श्रेणी में 20 से अधिक नहीं होगी। |
उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित
4-पदों का सृजन, समापन, न्यूनीकरण तथा उनके वेतन भत्तों का निर्धारण
4–2 |
परिषद् के मुख्यालय हेतु वर्तमान समय में सृजित पद तथा उनके वेतनमान का विवरण संलग्न अनुसूची–1 में दिया गया है। परिषद् के विभिन्न गन्ना शोध संस्थानों, शोध केन्द्रों, गन्ना अभिजनन केन्द्रों, बीज सम्वर्धन प्रक्षेत्रों तथा अन्य स्थानों हेतु सृजित पद तथा उनके वेतनमान का विवरण संलग्न अनुसूची–2 में दिया गया है।
उपरिलिखित अनुसूची–1 तथा 2 में सृजित पदों की संख्या में वे पद भी सम्मिलित हैं जिनका सृजन गन्ना शोध संगठन में कार्यरत तथा नोशनल प्रतिनियुक्ति पर माने गये कर्मचारियों तथा अधिकारियों के विलयन हेतु उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुये किया गया है। परिषद् में विलयन हेतु प्राप्त विकल्पों की स्थिति तथा अन्य आवश्यकताओं को देखते हुये परिषद् नोशनल प्रतिनियुक्ति के कर्मचारियों/अधिकारियों हेतु पदों की संख्या का निर्धारण करेगी। परिषद् को यह अधिकार होगा कि इन पदों की संख्या में आवश्यकतानुसार परिवर्तन करे और इन पदों को प्रतिनियुक्ति पर आये कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा भरे अथवा सीधी भर्ती द्वारा भरे।
|
5–परिषद् मे किसी पद पर सीधी भर्ती के लिये यह आवश्यक है कि अभ्यर्थी नीचे लिखी किसी श्रेणी में आता हो :–
(अ) भारत का नागरिक हो अथवा
(ब) तिब्बती शरणार्थी जो भारत में पहली जनवरी, 1962 से पूर्व भारत में स्थाई रूप से बसने के विचार से आया हो अथवा
(स) भारत का मूल निवासी व्यक्ति जो पाकिस्तान, वर्मा, श्रीलंका तथा पूर्वी अफ्रीका के कीनिया, यूगांडा तथा तन्जानियॉं (भूतपूर्व टांगानिका तथा जन्जीवार) देश से भारत में स्थायी रूप से बसने के आशय से आये हैं।
प्रतिबन्ध यह है कि उपरोक्त खण्ड (ब) व(स) श्रेणी के अभ्यर्थी वही व्यक्ति हो सकता है, जिसे राज्य सरकार द्वारा पात्रता प्रमाण–पत्र दिया गया हो।
अग्रेत्तर प्रतिबन्ध यह है कि उपरोक्त (ब) श्रेणी के अभ्यर्थी के लिये डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस इन्टेलीजेंस ब्रान्च, उ0प्र0 से पात्रता प्रमाण–पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करना आवश्यक है।
पुन: प्रतिबन्ध यह भी है कि उपरोक्त (स) श्रेणी के अभ्यर्थी के विषय में कोई भी पात्रता प्रमाण–पत्र 01 वर्ष से अधिक की अवधि के लिये नहीं जारी किया जायेगा और ऐसे अभ्यर्थी को 01 वर्ष की अवधि से आगे सेवा में तभी रखा जा सकेगा जब उसने इस बीच भारत की नागरिकता प्राप्त कर ली हो।
नोट :–एक अभ्यर्थी, जिसके लिये पात्रता का प्रमाण–पत्र आवश्यक है लेकिन उक्त प्रमाण–पत्र न तो जारी हुआ है न ही जारी करने से मना किया गया है, ऐसे अभ्यर्थी को परीक्षा अथवा इन्टरव्यू में शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है और उसे अनन्तिम रूप से नियुक्त भी किया जा सकता है बशर्ते ​िक वह अपने लिये आवश्यक पात्रता प्रमाण–पत्र प्राप्त कर ले |
उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित
6-अभ्यर्थियों के लिये शैक्षिक तथा अन्य योग्यतायें :–
6–1 |
सीधी भर्ती द्वारा विभिन्न पदों पर नियुक्ति हेतु अभ्यर्थी में आवश्यक योग्यताओं का विवरण अनुसूची–3 में अंकित है
|
6–2 |
ऐसे अभ्यर्थियों को जिन्होंने टैरीटोरियल आर्मी में कम से कम 02 वर्ष तक कार्य किया है अथवा जिन्होंने एन0सी0सी0 का ’’बी’’ सर्टिफिकेट प्राप्त किया है, अन्य बातों के समान रहते हुये सीधी भर्ती में वरीयता दी जायेगी।
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7-परिषद् मे किसी पद पर सीधी भर्ती के लिये यह आवश्यक है कि अभ्यर्थी नीचे लिखी आयु :–
सीधी भर्ती के लिये अभ्यर्थियों की आयु सामान्यत: 18-21 वर्ष से कम व 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये। आयु का उपरोक्त निर्धारण जिस वर्ष नियुक्ति की जानी है, उस वर्ष जनवरी की पहली तारीख (यदि नियुक्ति हेतु प्रकाशन पहली जनवरी से 30 जून के बीच हो) अथवा 01 जुलाई (यदि नियुक्ति हेतु प्रकाशन 01 जुलाई और 31 दिसम्बर के बीच हो) को आधार मानकर किया जायेगा।
प्रतिबन्ध यह है कि :–
(1) अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के विषय में तथा ऐसे अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों के विषय में, जिनका शासन द्वारा समय–समय पर प्राख्यापन किया जाये, ऐसे अभ्यर्थियों की अधिकतम् आयु की सीमा इतना अधिक होगी जितनी कि शासन द्वारा समय–समय पर निर्धारित किया जाय।
(2) सरकारी सेवा में कार्यरत अभ्यर्थियों के विषय में अधिकतम् आयु सीमा 05 वर्ष अधिक होगी अग्रेत्तर प्रतिबन्ध यह भी है कि परिषद् को विभिन्न पदों हेतु अधिकतम व न्यूनतम् आयुसीमा में परिवर्तन करने का अधिकार है।
परिषद् द्वारा विभिन्न पदों हेतु निर्धारित आयुसीमा का विवरण संलग्न अनुसूची–3 में अंकित है। |
8-चरित्र एवं वैवाहिक प्रास्थिति :–
चरित्र : परिषद् के अधीन किसी भी पद पर सीधी भर्ती के लिये अभ्यर्थी का चरित्र ऐसा होना चाहिये कि वह नियोजन के लिये सभी प्रकार से उपयुक्त हो सके। परिषद् द्वारा इस सम्बन्ध में समाधान किया जायेगा।
नोट : संघ सरकार, राज्य सरकार या किसी भी निगम अथवा संस्था द्वारा पदच्युत व्यक्ति परिषद् की सेवा में किसी पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं होंगे। नैतिक अधमता के किसी अपराध के लिये दोषसिद्ध व्यक्ति भी पात्र न होंगे।
वैवाहिक प्रास्थिति : परिषद् के अधीन सेवा में किसी पद पर नियुक्ति के लिये ऐसा पुरुष अभ्यर्थी पात्र न होगा जिसकी एक से अधिक पत्नियॉं जीवित हों या ऐसी कोई महिला अभ्यर्थी पात्र न होगी जिसने ऐसे पुरुष से विवाह किया हो जिसकी पहले से एक पत्नी जीवित हो। परन्तु परिषद् की गवर्निंगबाडी किसी व्यक्ति को इस नियम के प्रवर्तन से छूट दे सकती है यदि उसे यह समाधान हो जाये कि ऐसा करने के लिये विशेष कारण विद्यमान है।
9- उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित स्वास्थ्य प्रमाण–पत्र
परिषद् के अधीन पदो पर ऐसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जायेगी जो मानसिक व शारीरिक रूप से पूर्णतया स्वस्थ हैं और जिनमें कोई ऐसा रोग या शारीरिक दोष नहीं है जिससे उनके कर्तव्यों के पालन में किसी प्रकार का व्यवधान हो सके। नियुक्ति के पूर्व प्रत्येक अभ्यर्थी को अधिकृत शासकीय चिकित्सक का स्वास्थ्य प्रमाण–पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
10-परिषद् के कर्मचारियों को देय वेतन एवं भत्ते
10–1 |
सीधी भर्ती द्वारा लिये गये प्रत्येक कर्मचारी को उसके नियुक्ति आदेश में उल्लिखित वेतनमान का प्रारम्भिक वेतन प्रदान किया जायेगा बशर्ते कि उसे कोई अग्रिम वेतन वृद्धि के साथ उच्चतर वेतन नियुक्ति अधिकारी द्वारा स्वीकार न किया गया हो परन्तु प्रतिबन्ध यह है कि नियुक्ति अधिकारी सामान्यत: इस प्रकार की अधिक से अधिक पॉंच वेतन वृद्धियॉं ही स्वीकार कर सकते हैं तथा वैज्ञानिक एवं किसी विशिष्ट तकनीकी पद हेतु चेयरमैन अथवा गवर्निंगबाडी जो भी नियुक्ति अधिकारी हो, अधिकतम् 10 अग्रिम वेतन वृद्धियॉं तक अत्यन्त विशिष्ट मामले में नियुक्ति के साथ प्रदान करने में सक्षम होंगे। |
10–2 |
जो कर्मचारी परिषद् में किसी बाह्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आया हो उसके वेतन एवं भत्ते प्रतिनियुक्ति आदेश में उल्लिख्ति शर्तों के अनुसार देय होंगे। |
10–3 |
परिषद् के कर्मचारियों को निम्नलिखित भत्ते भी देय होंगे। इन भत्तों में किसी प्रकार का संशोधन केवल गवर्निंगबाडी द्वारा किया जा सकेगा। |
क) मॅंहगाई भत्ता
परिषद् के कर्मचारियों को मॅंहगाई भत्ता उ0प्र0 शासन द्वारा स्वीकृत दरों पर निर्धारित प्रतिबन्ध के साथ देय होगा।
ख) मकान भत्ता
1– परिषद् के कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता उ0प्र0 शासन के वित्त विभाग द्वारा समय–समय पर संशोधित दरों पर देय होगा।
2– परिषद् में किसी बाह्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आने वाले अधिकारी/कर्मचारी के मामले में मकान किराया भत्ता की देयता अथवा वसूली उनके प्रतिनियुक्ति आदेश में उल्लिखित शर्तों के अनुसार लागू होगी।
प्रतिबन्ध यह है कि मकान किराया भत्ता तभी देय होगा जब कि सम्बन्धित कर्मचारी उक्त स्थान पर रहता हो और इस आशय का प्रमाण–पत्र भी स्वत: देवे ।
अग्रेत्तर प्रतिबन्ध यह है कि यदि कर्मचारी को परिषद् द्वारा आवास हेतु उपयुक्त मकान प्रदान किया गया हो या परिषद् द्वारा आवास हेतु उपलब्ध कराये गये मकान में कर्मचारी बिना किसी उपयुक्त कारण के रहना स्वीकार न करे तो उस दशा में मकान भत्ता देय न होगा।
यदि किसी कर्मचारी को परिषद् द्वारा मकान उपलब्ध कराया जाता है तो सम्बन्धित सेवक को अपने वेतन का 10 प्रतिशत अथवा स्टेण्डर्ड रेन्ट, जो भी कम हो, किराये के रूप में भुगतान करना होगा। यह प्रतिबन्ध उन कर्मचारियों पर नहीं लागू होगा जो नि:शुल्क आवास पाने के अधिकारी हैं।
(ग) चिकित्सा भत्ता
परिषद के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को उनके मूल वेतन का 5 प्रतिशत (पॉच प्रतिशत) प्रतिमाह की दर से चिकित्सा भत्ता के रूप में रजिस्टर्ड चिकित्सक का चिकित्सीय प्रमाण पत्र अथवा प्रेस्क्रिप्सन के साथ औषधियों के कैश मैमो प्रस्तुत करने पर इस शर्त के साथ देय होगा कि उपयुर्क्तानुसार वित्तीय वर्ष में स्वीकृत कुल धनराशि मार्च माह में देय मूल वेतन के 50 प्रतिशत से अधिक न हो।
उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित
(घ) कन्वेन्स भत्ता
10-परिषद् के कर्मचारियों को देय वेतन एवं भत्ते
परिषद् में कार्यरत कर्मचारी के कार्यस्थल तथा निकटतम् श्ाहर/कस्बे की दूरी तथा कर्मचारी का स्तर देखते हुये उसे निम्नलिखित सीमाओं तक वाहन भत्ता देय होगा। |
निजी वाहन |
अधिकतम् धनराशि |
साइकिल |
रु0 10.00 |
मोटरसाइकिल/स्कूटर |
रु0 75.00 |
मोटरकार/जीप |
रु0 150.00 |
यह भत्ता कर्मचारी विशिष्ट की आवश्यकता एवं कार्य निष्पादन में उपयोगिता को देखते हुये तथा स्थान विशेष की अन्य परिस्थितियॉं देखते हुये स्वीकृत किया जायेगा तथा इस पर कर्मचारियों को कोई देयता स्वत: प्रभावी नहीं होगी।
प्रतिबन्ध यह रहेगा कि एक बार ऐसा भत्ता स्वीकृत हो जाने के बाद परिवर्तित परिस्थितियों को देखते हुये स्वीकृत किये गये ऐसे वाहन भत्ते को निरस्त भी किया जा सकेगा।
अग्रेत्तर प्रतिबन्ध यह है कि उपरोक्त भत्ता केवल उन्हीं कर्मचारियों/अधिकारियों को देय होगा जिनका नियमित ग्रेड वेतन स्कूटर व मोटर साइकिल की दशा में 6600/- तथा कार/जीप की दशा में 7600/- या उससे अधिक हो। साइकिल की दशा में नियमित मूलवेतन की कोई सीमा न होगी।
पुन: अग्रेत्तर प्रतिबन्ध यह होगा कि स्कूटर/मोटरसाइकिल/मोटर कार/जीप भत्ता, वाहन के रख–रखाव तथा संचालन आदि पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति (Reimbursement) के आधार पर उक्त आशय का प्रमाण पत्र देने पर देय होगा।
उपरोक्त प्रकार के निजी वाहनों में से मोटर साइकिल/स्कूटर तथा मोटर कार/जीप का भत्ता गवर्निग बाडी का अनुमोदन प्राप्त करने के उपरान्त निदेशक स्वीकृत करेंगे जबकि साइकिल का भत्ता मुख्य प्रशासनिक अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जायेगा।
|
च) वर्दी धुलाई भत्ता
उ0प्र0 शासन द्वारा कर्मचारियों को स्वीकृत दरों पर परिषद् के कर्मचारियों को वर्दी धुलाई भत्ता दिया जायेगा।
(छ) यात्रा भत्ता
1– परिषद् के कार्य हेतु की गयी यात्राओं के प्रति यात्रा भत्ता की देयता हेतु उ0प्र0 शासन द्वारा निर्गत शासनादेश यथाविधि लागू माने जायेंगे।
2– गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर (तमिलनाडु) में वर्ष भर में एक बार वहॉं की कृषि जलवायु की दशाओं में गन्ना जातीय संकरण (Crossing) करने हेतु यात्रा पर जाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को कार्य में महत्व को देखते हुये विशेष परिस्थितियों में एक माह तक पूरा दैनिक भत्ता देय होगा।/p>
11– उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित पदों की पूर्ति
11–1 |
परिषद में विभिन्न पदों की पूर्ति का अधिकारी निम्नप्रकार होगा :–
केवल रू0
4200/– तक अधिकतम् ग्रेड वेतन वाले पदो के नियुक्त अधिकारी निदेशक अथवा सक्षम अधिकारी जिसे इस कार्य हेतु गवर्निग बाडी द्वारा अधिकृत किया गया हो तथा
रू0 4200/– से अधिकतम् ग्रेड वेतन वाले पदो के नियुक्ति अधिकारी चेयरमैन होगें। रू0
5400/– से अधिकतम् ग्रेड वेतन वाले पदों पर नियुक्ति चेयरमैन द्वारा गवर्निग बाडी के अनुमोदन के उपरान्त की जायेगी। |
11–2 |
परिषद् में सृजित पदों की सूची तथा नियुक्ति हेतु अर्हताओं तथा शैक्षिक योग्यताओं, आयु सीमा, अनुभव तथा पूर्ति का स्रोत आदि का विवरण अनुसूची–3 में दिया गया है। |
11–3 |
विभिन्न पदों की पूर्ति की प्रक्रिया का निर्धारण नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा सेवा नियमों तथा परिषद के नियमों एवं उपनियमों को तथा गवर्निग बाडी के निर्णयों एवं निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपने विवेक से किया जायेगा। उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद की नियमावली के नियम–25 व 26 में निहित प्राविधान के अनुसार विभिन्न पदों पर नियुक्ति हेतु एक चयन परिषद (रेकू्रटमेन्ट बोर्ड) जैसा कि अनुसूची–4 में उल्लिखित है, होगी। इसके अतिरिक्त इसी अनुसूची–4 में अन्य पदों पर नियुक्ति हेतु भी अलग–अलग चयन परिषदों का गठन किया गया है। विभिन्न पदों पर नियुक्ति सम्बन्धित चयन परिषद की संस्तुति के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा की जायेगी। जिन पदों का चयन परिषद के नियमों के अन्तर्गत चयन परिषद के द्वारा होना है उन पर भी नियुक्तियॉ चयन परिषद की संस्तुति के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा की जायेगी। अन्य पदों हेतु नियुक्ति अधिकारी अपने विवेक से शेष प्रक्रिया समय–समय पर आवश्यकतानुसार निर्धारित करने हेतु सक्षम होगें।
जिन पदों का नियुक्ति अधिकार चेयरमैन को है और जो पद चयन परिषद की सीमा में नही आते, ऐसे पदो के लिए अभ्यर्थियों का चयन, चेयरमैन के विवेक पर उनके निर्देशानुसार संबंधित चयन समिति के माध्यम से किया जायेगा।
इस नियम के अधीन गठित प्रत्येक चयन परिषद की बैठक वर्ष में एक बार से अधिक नही होगी और जो प्रतीक्षा सूची चयन परिषद द्वारा बनायी जायेगी वह केवल एक वर्ष के लिए प्रभावी होगी। प्रत्येक चयन परिषद का कोरम तीन सदस्यों का होगा जिसमें कम से कम एक सदस्य वाह्य स्थान से बुलाया गया विषय विशेषज्ञ आवश्यक होगा। |
11–4 |
नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा नियुक्ति हेतु अभ्यर्थियों की सूची एवं प्रार्थना–पत्र सेवायोजन कार्यालय के माध्यम से तथा/अथवा समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर प्राप्त किये जांयेगे। ऐसी स्थिति में जबकि नियुक्ति अधिकारी समाचार–पत्रों में विज्ञापन देकर नियुक्ति हेतु प्रार्थना–पत्र प्राप्त कर रहे हों तो रिक्तियों की सूचना स्थानीय सेवायोजन कार्यालय को भी चयन की तिथि आदि के विवरण सहित भेजी जायेगी और जो नाम सेवायोजन कार्यालय से प्राप्त होंगे उन्हें भी चयन समिति के समक्ष अन्य नामों के साथ विचार करने हेतु प्रस्तुत किया जायेगा और उन अभ्यर्थियों को भी चयन में भाग लेने का समान अवसर दिया जायेगा। |
11– उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित पदों की पूर्ति
11–5 |
प्रथम नियुक्ति के साथ परिषद् के प्रत्येक कर्मचारी को राष्ट्रीयता, की घोषण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, शैक्षिक योग्यताओं के प्रमाण–पत्रों की प्रमाणित प्रतियॉं, दो राजपत्रित अधिकारियों द्वारा दिया गया चरित्र प्रमाण–पत्र, नियुक्ति स्थान के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिया गया स्वास्थ्य प्रमाण–पत्र, गोपनीयता एवं नियम प्रतिबद्धता शपथ–पत्र, कर्मचारी की चल–अचल सम्पत्ति का घोषणा–पत्र, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अथवा पिछड़ी जाति का प्रमाण–पत्र अथवा अन्य प्रकार के संरक्षण, जिस श्रेणी में अभ्यर्थी अपने को बताता हो और जिस संरक्षण की सुविधा चाहता हो तद्विषयक सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त प्रमाण–पत्र (यदि आवश्यक हो) तथा उस पद के लिये यदि निर्धारित हो तो प्रतिभूति की धनराशि, योगदान के समय परिषद् में या जैसा निर्देश दिया जाये, जमा करना आवश्यक होगा। उक्त प्रमाण–पत्रों/घोषणा–पत्रों/धनराशि के अभाव में कर्मचारी का योगदान स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त निर्धारित प्रारूप पर अन्य व्यक्तिगत सूचना भी सत्यापनार्थ अभ्यर्थी द्वारा देय होंगी। परिषद् में पदोन्नति पर कार्यभार ग्रहण करने वाले कर्मचारियों, परिषद् में विलयन के पूर्व गन्ना शोध संगठन में कार्यरत कर्मचारियों एवं प्रतिनियुक्ति पर आये कर्मचारियों पर यह नियम लागू नहीं होगा। |
11–6 |
उ0प्र0 शासन द्वारा समय–समय पर निर्गत शासनादेश के अन्तर्गत निर्धारित नीति के अनुसार अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति तथा अन्य वर्गों के आरक्षण का प्राविधान परिषद् की विभिन्न सेवाओं में रहेगा। |
12–परिवीक्षा काल, स्थायीकरण, स्थानान्तरण, ज्येष्ठता सूची, पदोन्नति, सेवासमाप्ति सेवानिवृत्ति
12–1 |
परिषद् में सेवाओं के लिये स्थायी पदों के प्रति नियुक्ति की तिथि से दो वर्ष तक की अवधि को परिवीक्षाकाल माना जायेगा। परिवीक्षाकाल में सेवायें नितान्त अस्थायी मानी जायेगीं तथा बिना किसी पूर्व सूचना के समाप्त की जा सकेगीं। नियुक्ति अधिकारी द्वारा किसी भी कर्मचारी का परिवीक्षा काल कुल मिलाकर 04 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है किन्तु प्रतिबन्ध यह है कि इस प्रकार किसी एक आदेश द्वारा बढ़ाया गया परिवीक्षाकाल 01 वर्ष से अधिक नहीं होगा। |
12–2 |
परिवीक्षाकाल के संतोषपूर्ण समाप्ति के बाद कर्मचारी के स्थाईकरण हेतु नियुक्ति अधिकारी द्वारा स्थाईकरण आदेश प्रसारित किया जायेगा। जब तक नियुक्ति अधिकारी द्वारा स्थायीकरण का लिखित आदेश प्रसारित न कर दिया गया हो तब तक वह स्थायी नहीं माना जायेगा, भले ही वह प्रस्तर 12–1 में निर्धारित यथाविधि बढ़ाये गये परिवीक्षाकाल को पूर्णै कर चुका हो। |
12–3 |
परिषद् में कार्यरत किसी कर्मचारी/अधिकारी को कार्य के हित में या प्रशासनिक आधार पर मुख्यालय से किसी भी गन्ना शोध संस्थान अथवा गन्ना शोध केन्द्र पर या किसी गन्ना शोध संस्थान या केन्द्र से दूसरे गन्ना शोध संस्थान या केन्द्र पर अथवा मुख्यालय पर स्थानान्तरित अथवा पदस्थित किया जा सकता है। साथ ही परिषद् आवश्यकतानुसार अधिकारियों/कर्मचारियों का उ0प्र0 में या अन्यत्र एक स्थान से दूसरे स्थान को स्थानान्तरण शोध कार्य के हित में कर सकेगा। |
12–4 |
परिषद् के कर्मचारियों की ज्येष्ठता उ0प्र0 शासन द्वारा घोषित उ0प्र0 सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली 1991 तथा समय–समय पर किये गये संशोधनों के आधार पर निर्धारित की जायेगी। |
उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित
12–परिवीक्षा काल, स्थायीकरण, स्थानान्तरण, ज्येष्ठता सूची, पदोन्नति, सेवासमाप्ति सेवानिवृत्ति
12–5 |
ऐसे पदों को जो प्रस्तर 11–2 में उल्लिखित अनुसूची 3 के अनुसार पदोन्नति द्वारा भरे जाने हों उनकी पूर्ति हेतु परिषद में कार्यरत पात्र कर्मचारियों की पदोन्नति नियम–11 –3 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार चयन परिषद की संस्तुति को ध्यान में रखते हुए सक्षम नियुक्ति अधिकारी उसके कार्य व्यवहार, ज्येष्ठता तथा मेरिट के आधार पर करेगें। पदोन्नति की आवश्यकता होने पर नियुक्ति अधिकारी चयन परिषद के समक्ष ज्येष्ठता सूची के आधार पर पदोन्नति हेतु उपलब्ध अधिकारियों/कर्मचारियों से सम्बन्धित सभी अभिलेख पूर्ण विवरण सहित, रिक्त स्थानों की मात्रा को ध्यान में रखते हुए, उपलब्ध करायेगें और चयन परिषद की संस्तुति प्राप्त करेगें। |
12–6 |
परिषद के किसी कर्मचारी की सेवायें निम्नलिखित आधार पर समाप्त की जा सकती हैं :–
(1) नियुक्ति आदेश में उल्लिखित शर्तों के आधार पर।
(2) अस्थायी कर्मचारी द्वारा एक माह का नोटिस या उसके बदले एक माह का वेतन दिये जाने पर, त्याग–पत्र के आधार पर।
(3) स्थायी कर्मचारी द्वारा 03 माह का नोटिस या उसके बदले तीन माह का वेतन दिये जाने पर त्याग–पत्र के आधार पर।
(4) किसी अनुशासनिक कार्यवाही के परिणामस्वरूप।
(5) सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त हो जाने पर। |
12–7 |
परिषद् में नियुक्त कर्मचारी की सेवा निवृत्ति की आयु 60 वर्ष होगी, चाहे वह
परिषद् में सीधे नियुक्त किया गया कर्मचारी हो अथवा राजकीय शोध योजनाओं में 31–12–1976 को कार्यरत कर्मचारी होने के नाते तदोपरान्त शोध परिषद् में विलयन के फलस्वरूप नियुक्त हुआ हो।
नोट :– यहॉं यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रतिनियुक्ति अथवा नोशनल प्रतिनियुक्ति पर परिषद् में कार्यरत कर्मचारी के लिये उसकी सेवानिवृत्ति की आयु उसके मूल विभाग के नियमों के अनुसार ही अनुमन्य होगी। |
12–8 |
परिषद् के अस्थायी कर्मचारी एक माह के नोटिस या एक माह का वेतन देकर अपने पद से त्याग–पत्र दे सकते हैं।
परिषद् के स्थायी कर्मचारी को त्याग–पत्र देने के साथ कम से कम 03 माह का नोटिस भी देना आवश्यक होगा परन्तु त्याग–पत्र तब तक प्रभावी नहीं माना जायेगा जब तक उसे सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकार न कर लिया जाये। |
12–9 |
परिषद् के स्थायी कर्मचारियो की सेवायें यदि अनुशासनिक कार्यवाही या सेवानिवृत्ति की आयु पूर्ण करने के फलस्वरूप समाप्त की जाती है तो उसे परिषद् द्वारा कोई वेतन देय नहीं होगा।
परिषद् के कर्मचारी/अधिकारी की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष होगी किन्तु यदि किसी कर्मचारी/अधिकारी की सेवाओं की आवश्यकता जनहित में नहीं है तो परिषद् द्वारा किसी भी कर्मचारी को 50 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद किसी भी समय उसे 03 माह का नोटिस या उसके बदले 03 माह का वेतन देकर सेवानिवृत्त किया जा सकता है। यदि किसी शारीरिक विषम्मता की स्थिति में निदेशक या सक्षम अधिकारी, जिसे इस कार्य हेतु गवर्निंगबाडी द्वारा अधिकृत किया गया हो, द्वारा अथवा अधिकृत चिकित्सा अधिकारी द्वारा किसी कर्मचारी/अधिकारी को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो सेवानिवृत्ति की निर्धारित आयु के पूर्व किसी भी समय परिषद् के किसी कर्मचारी को सेवानिवृत्त किया जा सकता है। |
उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित
13–कर्मचारियों की सेवापुस्तिकायें चरित्र पंजिका तथा ज्येष्ठता सूची
13–1 |
उ0प्र0 राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिये निर्धारित प्रारूप पर परिषद् के
प्रत्येक कर्मचारी का अलग–अलग सेवा अभिलेख रखा जायेगा जो कर्मचारी की सेवापुस्तिका कही जायेगी। इस पुस्तिका में कर्मचारी के सेवा सम्बन्धी सभी महत्वपूर्ण मामलों यथा–नियुक्ति, पदोन्नति, अवकाश, वेतन वृद्धि, स्थानान्तरण आदि का विवरण रखा जायेगा।
|
13–2 |
परिषद् के कर्मचारी के कार्य का मूल्यांकन करने हेतु प्रत्येक कर्मचारी की अलग–अलग चरित्र पंजिका रखी जायेगी। इस पंजिका में प्रत्येक वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ में कर्मचारी के विगत वर्ष के कार्य, व्यवहार एवं सत्यनिष्ठा का मूल्यांकन करके सक्षम अधिकारी द्वारा वार्षिक प्रविष्टियॉ अंकित की जायेगी। |
13–3 |
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वार्षिक प्रविष्टि उनकी सेवापुस्तिका में अंकित की जायेगी किन्तु अन्य कर्मचारियों की चरित्र पंजिका अलग से रखी जायेगी। |
13–4 |
परिषद् के निदेशक की वार्षिक प्रविष्टि चेयरमैन द्वारा की जायेगी । प्रथम श्रेणी के अधिकारियों की वार्षिक प्रविष्टि चेयरमैन द्वारा निदेशक की संस्तुति के आधार पर की जायेगी। श्रेणी–2 के एवं मुख्यालय में कार्यरत सभी अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रविष्टि निदेशक या सक्षम अधिकारी जिसे इस कार्य हेतु गवर्निग बाडी द्वारा अधिकृत किया गया हो, द्वारा की जायेगी।
गन्ना शोध केन्द्रों अथवा गन्ना शोध संस्थानों मे कार्यरत तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वार्षिक प्रविष्टि वहॉ के प्रभारी अधिकारी करेगें तथा वहॉ के अन्य वर्ग के अधिकारियों/कर्मचारियों की वार्षिक प्रविष्टि निदेशक या सक्षम अधिकारी, जिसे इस कार्य हेतु गवर्निग बाडी द्वारा अधिकृत किया गया हो, द्वारा वहॉ के प्रभारी अधिकारी की संस्तुति के आधार पर की जायेगी।
|
13–5 |
ऐसी समस्त विपरीत प्रविष्टियॉं जिनमें कर्मचारी के कार्य अथवा व्यवहार की निन्दा की गयी हो, उनकी प्रतिलिपि कर्मचारी को सामान्यत: प्रविष्टि दिये जाने के एक माह के अन्तर्गत उपलब्ध करा दी जायेगी। |
13–6 |
कोई भी कर्मचारी, यदि वह चाहे तो विपरीत प्रविष्टि की सूचना प्राप्त होने के 90 दिन के भीतर उसके विरुद्ध प्रत्यावेदन आगामी उच्चतर अधिकारियों को दे सकता है। |
उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित
14–वेतनवृद्धि, वेतन निर्धारण तथा दक्षतारोक
परिषद् के कर्मचारियों के वेतनवृद्धि, वेतन निर्धारण तथा दक्षतारोक के मामलों में उ0प्र0 शासन के कर्मचारियों पर लागू तद्विषयक नियम व आदेश तथा वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड–2 भाग–2 से 4 के प्राविधान शासन द्वारा समय–समय पर किये जाने वाले संशोधनों तथा तद्–विषयक निर्गत किये आदेश व निर्देश सहित यथावत् लागू होंगे। परन्तु परिषद को यह अधिकार रहेगा कि वह इस सम्बन्ध में अपने अलग नियम बनाये या किसी विशिष्ठ मामलों में या किसी विशेष विषय पर अलग से अपने आदेश व निर्देश लागू करें और उक्त सीमा तक उत्तर प्रदेश शासन के कर्मचारियों पर लागू नियम व प्राविधान परिषद के कर्मचारी या कर्मचारियों पर लागू नही रहेगा।
15–प्रतिभूति
15–1 |
परिषद् के कर्मचारियों को निम्नलिखित विवरणानुसार प्रतिभूति जमा करनी होगी: |
क्र0सं0 |
पदनाम
|
प्रतिभूति की धनराशि |
1. |
सीनियर साइंटिफिक असिस्टेन्ट |
2000/- |
2. |
साइंटिफिक असिस्टेन्ट |
1000/- |
3 |
मैटियारोलोजिकल आब्जरवर |
1000/- |
4. |
एग्रीकल्चर सुपरवाइजर |
500/- |
5. |
कम्प्यूटर (अन्वेषक–कम–संगणक) |
500/- |
6. |
लाइब्रेरियन |
1000/- |
7. |
विद्यतुकार |
1000/- |
8. |
कैशियर |
2000/- |
9. |
जूनियर कैशिय |
1000/- |
10. |
स्टोर कीपर |
2000/- |
11. |
ट्यूबवैल आपरेटर |
500/- |
12. |
गैस/फार्म मिस्त्री |
250/- |
13. |
ट्रैक्टर ड्राइवर |
500/- |
14. |
ट्रक ड्राइवर |
500/- |
15. |
जीप/कार ड्राइवर |
250/- |
(अ)उपरोक्त सभी कर्मचारियों को सम्पूर्ण वॉंछित धनराशि की प्रतिभूति नकद या राष्ट्रीय बचत–पत्र के रूप में जमा करनी होगी।
(ब)परिषद के अन्तर्गत नोशनल प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों में से कैशियर, जूनियर कैशियर एवं स्टोर कीपर को छोड़कर अन्य उपरोक्त सभी कर्मचारियों को उक्त धनराशि का आधा भाग नकद या राष्ट्रीय बचत पत्र के रूप में जमा करना होगा तथा शेष आधे भाग के लिए उन्हें किसी मान्यता प्राप्त बीमा कम्पनी का फेडिलिटी बान्ड जमा करना होगातथा वह धनराशि कर्मचारी के वेतन से प्रतिमाह वेतन के 10 प्रतिशत की दर से कटौती करके प्राप्त की जायेगी।
15– उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित प्रतिभूति
|
(स)प्रतिभूति हेतु प्राप्त किये गये फेडिलिटी बान्ड का प्रीमियम सम्बन्धित कर्मचारी द्वारा दिया जायेगा और वही स्वयं इसका प्रबन्ध भी करेगा। परिषद इस हेतु कोई व्ययभार नही वहन करेगी।
(द)यदि उपरोक्त में से किसी कर्मचारी परिषद की सम्पत्ति को कोई क्षति पहुची हो और ऐसी क्षति यथा विधि जॉच के उपरान्त प्रमाणित हो गयी हो तो ऐसी पहुचायी गयी क्षति सम्पूर्ण जमा प्रतिभूति या उसके एक अंश से, जैसा भी सम्भव हो वसूली करके निदेशक द्वारा क्षति पूर्ति कर ली जायेगी। यदि पहुचायी गयी क्षति जमा प्रतिपूर्ति से अधिक हो तो उसकी वसूली कर्मचारी के अन्य स्रोतों से की जायेगी।
(य)प्रतिभूति का धन कर्मचारी के परिषद की सेवा से अलग होने के छ: माह बाद वापस किया जा सकेगा। परन्तु उक्त धनराशि की वापसी के पूर्व इस आशय का प्रमाण–पत्र अवश्य प्राप्त कर लिया जायेगा कि सम्बन्धित कर्मचारी पर ऐसा कोई बकाया या अन्य देनदारी नही है जो परिषद को प्राप्त होना है। |
15–2 |
प्रतिभूति का धन कर्मचारी के परिषद् की सेवा से अलग होने के बाद तभी वापस किया जा सकेगा जबकि कर्मचारी के कार्यकाल की सम्परीक्षा सम्पन्न होकर सम्परीक्षा प्रतिवेदन प्राप्त हो गया हो तथा इस प्रतिवेदन में कर्मचारी के विरुद्ध परिषद् को देय धनराशि अवशेष न दिखाई गयी हो।
|
15–3 |
कर्मचारी से निर्धारित प्रतिभूति नकद अथवा राष्ट्रीय बचत–पत्रों के रूप में ली जायेगी। नकद प्रतिभूति की धनराशि सम्बन्धित कर्मचारी के नाम ’’डाकघर सेविंग बैंक पासबुक’’ में जमा की जायेगी। डाकघर सेविंग बैंक पासबुक तथा/ अथवा ’’राष्ट्रीय बचत पत्र’’ में जमा प्रतिभूति निदेशक, उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद्, शाहजहॉंपुर के पदनाम से बंधित होगी |
16–अवकाश
16–1 |
परिषद् के कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार के अवकाश वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड–2, भाग–2 से 4 में वर्णित प्राविधानों तथा उ0प्र0 शासन द्वारा समय–समय पर किये गये संशोधनों तथा इस सम्बन्ध में उ0प्र0 शासन द्वारा निर्गत विभिन्न आदेशों व निर्देशों के अन्तर्गत देय होंगे। |
16–2 |
परिषद् में प्रतिनियुक्ति पर आये हुए कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति आदेश में उल्लिखित शर्तो के अनुसार अवकाश देय होगा। |
16–3 |
यदि परिषद् का कोई कर्मचारी 01 माह से अधिक अवधि हेतु अवकाश पर जा रहा हो तो अवकाश पर जाते समय यदि वह चाहे तो अवकाश अवधि का वेतन अग्रिम के रूप में ले सकता है बशर्ते कि उसने उस अवधि का अभ्यर्पण अवकाश न लिया हो। |
16–4 |
परिषद् के कर्मचारियों को अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार निम्नलिखित अधिकारियों या सक्षम अधिकारी जिसे इस कार्य हेतु गवर्निग बाडी द्वारा अधिकृत किया गया हो, को उनके पद के सामने अंकित सीमा तक होगा।
अध्यक्ष निदेशक का समस्त प्रकार का अवकाश तथा प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के 60 दिवस से अधिक का अवकाश।
|
उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की नियमावली के नियम–40 के अधीन बनायी गयी तथा नियम–55 के अधीन अध्यक्ष, गवर्निंगबॉडी तथा सभापति द्वारा अनुमोदित
केन्द्रों के प्रभारीअधिकारी
(1) |
केन्द्र पर तैनात श्रेणी–3 व 4 के कर्मचारियों के 60 दिन तक के सभी प्रकार के अवकाश। |
(2) |
केन्द्र पर तैनात सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के आकस्मिक अवकाश। |
निदेशक
श्रेणी-1 के अधिकारियों के 60 दिन तक के सभी प्रकार के अवकाश तथा श्रेणी-2, वर्ग-1 तथा वर्ग-2 के अधिकारियों/कर्मचारियों के 60 दिन से अधिक के समस्त अवकाश।
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी
1) श्रेणी-2 के अधिकारियों के 60 दिन तक के सभी प्रकार के अवकाश।
2) श्रेणी-3 तथा 4 के उन कर्मचारियों के जो परिषद के मुख्यालय पर नियुक्त हैं सभी प्रकार के अवकाश।
3) श्रेणी-3 तथा 4 के उन कर्मचारियों के जो विभिन्न केन्द्रों पर नियुक्त हैं 60 दिन से अधिक सभी प्रकार के अवकाश ।
17-कर्मचारियों का आचरण एवं व्यवहार
17–1 |
परिषद् के कर्मचारियों का सामान्य आचरण एवं लोक व्यवहार उ0प्र0 गवर्नमेन्ट सर्वेन्ट कन्डक्ट रूल्स 1956 एवं उसमें समय–समय पर यथाविधि किये गये संशोधनों मे निहित प्राविधानों के अनुकूल नियमित होगा। परिषद के प्रयोजन हेतु उक्त रूल्स में जहॉ–जहॉ ’’गवर्नमेन्ट’’ या ’’यू0पी0 गवर्नमेन्ट’’ शब्द आया है वहॉ–वहॉ आवश्यकतानुसार ’’परिषद या गवर्नमेन्ट और परिषद दोनों तथा जहॉ–जहॉ ’’गवर्नमेन्ट सर्वेन्ट शब्द आया है वहॉ–वहॉ ’’ परिषद का कर्मचारी’’ समझा जायेगा। |
17–2 |
उक्त रूल्स में दिये गये प्राविधानों के अतिरिक्त चेयरमैन/निदेशक के लिखित आदेशों द्वारा प्रसारित निर्देशों के अन्तर्गत कर्मचारी का आचरण एवं व्यवहार नियमित होगा। |
18-अनुशासनिक कार्यवाही
18–1 |
परिषद् का कोई कर्मचारी यदि समुचित जॉच के उपरान्त दुराचरण बरतने का दोषी पाया जाता है तो अपराधों की गुरूता देखते हुए नीचे दर्शायें गये किसी भी या एक से अधिक दण्डों से, जैसा सक्षम दण्ड अधिकारी उचित समझे, दण्डित किया जा सकता है।
(1) प्रतिनिन्दन
(2) वेतन वृद्वि/वृद्वियों का रोकना, दक्षता रोक पार करने की अनुमति न देना।
(3) अगली पदोन्नति के अयोग्य करार देना, पदावनति करना या वेतनमान के न्यूनतम स्तर पर वेतन निर्धारित करना।
(4) परिषद को किसी भी रूप में हुई क्षति जिसका आर्थिक मूल्यांकन सम्भव है, के प्रति समुचित आर्थिक दण्ड देना।
(5) कर्तव्यों की अवहेलना करने के लिए आर्थिक दण्ड (केवल चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए)।
(6) सेवा समाप्ति।
(7) सेवा च्युति
नोट :–सेवाच्युत कर्मचारी पुनर्नियुक्ति के लिए अयोग्य होगा। |
18-अनुशासनिक कार्यवाही
18–2 |
उन सभी पदों जिनका ग्रेड वेतन रु0 4200/– अथवा कम है, उसके दण्डाधिकारी परिषद् के निदेशक या सक्षम अधिकारी जिसे इस कार्य गवर्निंगबाडी द्वारा अधिकृत किया गया हो तथा उन पदों
जिनका ग्रेड वेतन रु0 4200/– से अधिक है, उसके दण्डाधिकारी ’’चेयरमैन’’ होंगे। उन पदों
जिनका ग्रेड वेतन रु0 5400/– से अधिक है, दण्ड देने का अधिकार चेयरमैन को गवर्निंगबाडी से अनुमोदन प्राप्त करने पर होगा। |
18–3 |
परिषद् के कर्मचारियों के प्रयोजन हेतु निम्नलिखित कार्य एवं व्यवहार दुराचरण माने जायेंगे :–
(1) सेवानियमावली के किसी नियम को जो समय–समय पर कर्मचारियों पर संशोधनों एवं परिवर्तनों सहित लागू किये गये हों, ऐसे नियमों का अथवा नियुक्ति आदेश में दी गयी शर्तों का उल्लंघन।
(2) जानबूझ कर परिषद् के किसी वरिष्ठ कर्मचारी के न्याय संगत एवं कार्यहित में दिये गये आदेश की अवहेलना करना अथवा उपेक्षा करना।
(3) अकेले या सामूहिक रूप से अनुचित ढंग से कार्य बन्द करना, कार्य में बाधा डालना अथवा दूसरों को कार्य बन्द करने या कार्य न करने के लिये उकसाना।
(4) परिषद् के संस्थान, अभिजनन केन्द्र, शोध केन्द्र, बीज सम्वर्धन प्रक्षेत्र अथवा अन्यत्र कार्य स्थल अथवा कार्यालय के परिसर में परिषद् कर्मचारियों की सम्पत्ति की चोरी, धोखाधड़ी या बेईमानी करना।
(5) सक्षम अधिकारी की स्वीकृति लिये बिना अपने कार्य से अनुपस्थित रहना। यदि सक्षम अधिकारी इस बात से संतुष्ट हो कि ऐसी अनुपस्थिति का समुचित कारण है तो उसे जानबुझ कर अनुपस्थिति नही माना जायेगा।
(6) कार्य पर विलम्ब से उपस्थित होने का आदी होना।
(7) आबंटित कार्यों एवं दायित्वों की उपेक्षा करना।
(8) बिना परिषद् की स्वीकृति प्राप्त किये किसी निजी व्यापार में अपने को लगाना अथवा कहीं अन्यत्र पूर्णकालिक या अंशकालिक रूप से सेवायोजन प्राप्त करना।
(9) प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से किसी प्रकार का अनाधिकार पूर्ण लाभ प्राप्त करना अथवा घूस लेना।
(10) नियुक्ति हेतु अपने साक्षात्कार के समय या प्रार्थना–पत्र में ऐसा तथ्य प्रस्तुत करना जो बाद में चल कर गलत साबित हो।
(11) परिषद् के निदेशक की अनुमति के बिना कार्यालय की चहार दीवारी के अन्दर किसी प्रकार की सभा करना।
(12) परिषद् की कोई गोपनीय बात अथवा कोई गोपनीय पत्र पत्रावली आदि किसी बाहरी व्यक्ति अथवा संस्थान को बताना या दिखाना।
(13) परिषद् के किसी शोध संस्थान, अभिजनन संस्थान, शोध केन्द्र, बीज सम्वर्धन प्रक्षेत्र अथवा अन्यत्र कार्यस्थल या कार्यालय के परिसर में किसी कर्मचारी को धमकाना अथवा तंग करना।
(14) कोई ऐसा कार्य या व्यवहार करना जो परिषद् की या उसके किसी कर्मचारी की ख्याति को प्रभावित करे अथवा जिससे परिषद् का अनुशासन भंग होता हो या उस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो।
(15) प्रस्तर–17 के प्राविधान के विपरीत कोई व्यवहार करना।
(16) अन्य कोई ऐसा कार्य या व्यवहार करना जो परिषद् की गवर्निंगबाडी, चेयरमैन, निदेशक या अन्य सक्षम अधिकारी के स्थाई या प्रशासनिक आदेशों द्वारा किया जाना निषिद्ध किया गया हो। |
18-अनुशासनिक कार्यवाही
18–4 |
जहॉं कहीं इस बात का विश्वास हो कि कोई कर्मचारी दुराचरणग्रस्त है तो दण्डाधिकारी उसकी जॉच हेतु एक जॉच अधिकारी नामांकित कर सकता है जो सम्बन्धित कर्मचारी के आचरण की जॉंच करेगा। |
18–5 |
ऐसे आदेश होने पर जॉंच अधिकारी सम्बन्धित कर्मचारी का स्पष्टीकरण आरोपों के संदर्भ में मॉंगेगा। इस हेतु जॉंच अधिकारी जो उचित समझे उतने दिन का समय दिया जायेगा तथा कर्मचारी निर्धारित अवधि में अपना स्पष्टीकरण देगा। |
18–6 |
कर्मचारी के स्पष्टीकरण प्राप्त हो जाने के बाद जॉंच अधिकारी दण्डाधिकारी को अपनी जॉंच एवं संस्तुति प्रस्तुत करेगा। यदि दण्डाधिकारी की दृष्टि में स्पष्टीकरण संतोषजनक प्रतीत हो तो कोई अग्रिम कार्यवाही नहीं की जायेगी तथा मामला वहीं समाप्त कर दिया जायेगा। |
18–7 |
यदि जॉंच के आधार पर स्पष्टीकरण संतोषजनक नही पाया जाय अथवा निर्धारित अवधि में कर्मचारी द्वारा कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नही किया जाय तो दण्डाधिकारी आरोपों की गुरुता को देखते हुये :–
(अ)कर्मचारी को चेतावनी दे सकते हैं अथवा
(ब)जॉंच अधिकारी को निर्देश दे सकते हैं कि कर्मचारी के विरुद्ध आरोप–पत्र प्रसारित किया जाये। |
18–8 |
जॉंच अधिकारी कर्मचारी को लिखित आरोप–पत्र देते समय आरोपों का स्पष्टीकरण हेतु कम से कम 15 दिन का समय देंगे। |
18–9 |
आरोपों की सत्यता ज्ञात करने हेतु जॉंच अधिकारी जॉंच हेतु जैसा कि आवश्यक समझें, किसी भी सम्बन्धित व्यक्ति या रिकार्ड की सहायता लेने तथा आरोपित कर्मचारी को यदि कर्मचारी ऐसा चाहें तो व्यक्तिगत सुनवाई तथा साक्ष्यों का परीक्षण करने का अवसर देंगे। |
18–10 |
जॉंच पूर्ण होने के बाद जॉंच अधिकारी अपनी रिपोर्ट दण्डाधिकारी को प्रस्तुत करेंगे इसके बाद मामले से सम्बन्धित उपलब्ध समस्त तथ्यों को देखकर प्रस्तर 18–2 में उल्लिखित दण्डाधिकारी प्रावधानानुसार दण्ड देने हेतु कर्मचारी के प्रस्तावित दण्डों का उल्लेख करते हुये एक लिखित नोटिस देंगे जिसका उत्तर देने हेतु कर्मचारी को कम से कम दो सप्ताह का समय दिया जायेगा। कर्मचारी यदि चाहें तो दण्डाधिकारी उसे व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर भी देंगे। इसके बाद दण्डाधिकारी कर्मचारी के मामले में आरोपों की गुरुता के आधार पर आवश्यक दण्ड देने हेतु आदेश पारित करेंगे। |
18–11 |
जॉंच के दौरान आरोपों की गम्भीरता को देखते हुये यदि दण्डाधिकारी यह समझते हैं कि कर्मचारी के विरुद्ध लगाये गये आरोप गम्भीर प्रकृति के हैं तो कर्मचारी को सेवा से निलम्बित करने का आदेश प्रसारित कर सकते हैं। परिषद् का कर्मचारी यदि किसी अपराध के परिणामस्वरूप अथवा किसी अन्य कारणोंवश जेल में 03 दिनों से अधिक की अवधि के लिये बन्द हो जाता है तो जेल में बन्द किये जाने की तिथि से ही वह परिषद् की सेवाओं से स्वत: निलम्बित माना जायेगा। |
18–12 |
परिषद् का कर्मचारी जो निलम्बित किया जाता है निलम्बन की अवधि में परिषद् से जीवन निर्वाह भत्ता जो उसके औसत वेतन के 1/2 से अधिक न होगा तथा 06 माह की अवधि के उपरान्त अधिक से अधिक औसत वेतन के 3/4 भाग तक बतौर निर्वाह भत्ता पाने का अधिकारी होगा। साथ ही इस अवधि में वेतन से सम्बन्धित अनुपात की धनराशि पर देय अन्य भत्ते इस प्रकार देय होंगे जैसा कि निर्वाह भत्ते की धनराशि मात्र ही देय वेतन हो। |
19–कर्मचारियों को विशेष सुविधायें एवं प्रदेय
19–1 |
परिषद् के किसी भी कार्यालय से तथा प्रयोगशाला से सम्बद्ध समस्त चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को जिन्होंने कम से कम 06 माह का संतोषजनक सेवाकाल पूर्ण कर लिया है, वर्ष में एक गर्मी की वर्दी तथा तीन वर्ष में एक बार जाड़े की वर्दी नियमानुसार दी जायेगी परन्तु फार्म पर कार्य करने वाले हलवाहों अथवा मजदूरों को कोई वर्दी देना आवश्यक नहीं होगा।
गर्मी की वर्दी :
दो सूती कमीज सफेद रंग में।
दो सूती पेन्ट।
दो सूती टोपी।
जाड़े की वर्दी :
एक बन्द गले का कोट गर्म।
एक गर्म पेन्ट।
एक गर्म टोपी। |
19–2 |
चौकीदार पद पर नियुक्त कर्मचारी को जिसे उपरोक्त नियम 19–1 के अनुसार जाड़े की वर्दी देय हो उसे जाड़े की वर्दी के साथ निम्नलिखत सामान भी दिया जायेगा :–
1–हल्का कम्बल एक काले रंग का
2–जूता काले रंग का एक जोडा |
19–3 |
प्रस्तर 19–1 व 19–2 में दिये जाने वाले सामानों का आकार प्रकार मूल्य आदि के सम्बन्ध में निर्णय प्रचलित बाजार भाव को देखते हुये निदेशक या सक्षम अधिकारी जिसे इस कार्य हेतु गवर्निंगबाडी द्वारा अधिकृत किया गया हो, लेंगे। विभिन्न प्रकार के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को जिन्हें वर्दी देय होगी, अलग–अलग प्रकार की या रंग की वर्दी निदेशक द्वारा निर्धारित की जायेगी और किसी विशेष प्रकार की वर्दी के लिये किसी कर्मचारी को मॉंग करने का अधिकार नहीं होगा। |
19–4 |
परिषद् में कार्यरत स्थाई कर्मचारियों को बजट में स्वीकृत सीमा के अन्तर्गत कार तथा स्कूटर/ मोटर साइकिल क्रय करने हेतु अग्रिम तथा भवन निर्माण/मरम्मत हेतु अग्रिम की स्वीकृति निदेशक या सक्षम अधिकारी जिसे इस कार्य हेतु गवर्निंगबाडी द्वारा अधिकृत किया गया हो, द्वारा समय–समय पर निर्धारित की जाती रहेगी। |
19–कर्मचारियों को विशेष सुविधायें एवं प्रदेय
19–5 |
(अ) परिषद् को अधिकार होगा कि कर्मचारी अथवा कर्मचारी के परिवार के सदस्य की बीमारी की स्थिति में, किसी अन्य प्रकार की विपदात्मक अथवा अन्य आवश्यकता में अधिक से अधिक वर्ष में दो बार और प्रत्येक बार कर्मचारी की एक माह के कुल वेतन आदि के प्रति देय धनराशि की सीमा के भीतर ही अग्रिम स्वीकृत कर सके परन्तु यह अग्रिम स्वीकृति परिषद् का निदेशक या सक्षम अधिकारी जिसे इस कार्य हेतु गवर्निंगबाडी द्वारा अधिकृत किया गया हो, अपनी सूझ–बूझ, संतुष्टि एवं आवश्यकता की प्रकृति को देखते हुये करेगाऔर इस प्रकार के अग्रिम की स्वीकृति पर बल देने का अधिकार किसी कर्मचारी को नहीं होगा।
(ब)अग्रिम स्वीकृति का आदेश प्रत्येक कर्मचारी के लिये अलग–अलग किया जायेगा परन्तु निदेशक को अधिकार होगा कि विशिष्ट मामलों में वे सामान्य आदेश प्रसारित कर देवें। |
19–6 |
परिषद् के समस्त श्रेणी के ऐसे कर्मचारियों को जिसे स्वयं या उनके आश्रित पत्नी/पति, पुत्र, अविवाहित पुत्री, आश्रित माता–पिता, आश्रित भाई एवं अविवाहित बहन को किसी गम्भीर बीमारी के कारण 07 दिन से अधिक अपने घर पर या किसी स्थानीय चिकित्सालय में शय्या पर रोगग्रस्त रहना पड़ा हो, उसे चिकित्सा पर हुये वास्तविक व्यय को चिकित्सा अधिकारी का प्रमाण–पत्र तथा खर्चे की रसीद प्रस्तुत करने पर उसके एक माह के मूल वेतन तक की धनराशि का व्यय निदेशक की स्वीकृति के उपरान्त परिषद द्वारा वहन किया जायेगा। यह धनराशि सम्बन्धित कर्मचारियों को नियम 10–3 (ग) के अन्तर्गत अनुमन्य चिकित्सा भत्ता के अतिरिक्त होगी। |
19–7 |
शासन से प्रतिनियुक्ति पर आये कर्मचारी/अधिकारी को ऐसे समस्त चिकित्सा व्यय का भुगतान उसकी बाह्य सेवाशर्तों के अनुरूप किया जायेगा। |
20- नियमों की व्याख्या
इन नियमों की व्याख्या में यदि किसी समय कोई विवाद उत्पन्न होता है तो उसे अध्यक्ष के पास निर्णयार्थ भेजा जायेगा। अध्यक्ष द्वारा दी गयी व्याख्या अन्तिम व सर्वमान्य होगी।
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21-कर्मचारियों की प्रोविडेन्ट फण्ड, ग्रेच्युटी तथा पेन्शन की सुविधा
परिषद् के सेवानिवृत्त कार्मिकों के पेंशन का भुगतान किये जाने हेतु स्ववित्त पोषित पेंशन स्कीम के अन्तर्गत गठित की गयी पेंशन निधि में प्राविधानित धनराशि रु. 5.00 करोड़ से प्राप्त ब्याज तथा उ.प्र. गन्ना शोध परिषद् की स्वयं की आय से प्राप्त धनराशि के अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा के अन्तर्गत ही सुनिश्चित किया जायेगा या भविष्य में किये गये संशोधन या तद्विषयक निर्गत शासनादेश व निर्देश सहित यथावत् समय-समय पर लागू होते रहेंगे।
परिषद् के कर्मचारियों पर प्राविडेन्ट फण्ड एवं ग्रेच्युटी के सम्बन्ध में पूर्ववत् व्यवस्था लागू रहेगी। शोध परिषद् के कार्मिकों हेतु राशिकरण पूर्व की भॉति अनुमन्य नहीं होगा।
परन्तु 01 अप्रैल, 2005 को अथवा उसके उपरांत नियुक्त उ.प्र. गन्ना शोध परिषद् के कार्मिकों पर उ.प्र. राज्य सरकार के कर्मचारियों की भॉति नव परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना अनिवार्य रुप से लागू होगी।
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22-अन्य मामले
विभिन्न पदों/सेवाओं के लिये किसी प्रकार की मौखिक या लिखित संस्तुति पर विचार नहीं किया जायेगा। जो अभ्यर्थी अपने पक्ष में संस्तुति प्राप्त करने या अन्य प्रकार से प्रभावित करने का प्रयास करेंगे वे नियुक्ति हेतु अयोग्य माने जायेंगे।
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23–सामान्य प्राविधान
(1)जिन मामलों में कोई स्पष्ट प्राविधान इन नियमों में नहीं दिया गया अथवा जिन मामलों में परिषद् के आदेश व निर्देश नहीं हैं, ऐसे सभी मामलों में परिषद् की सेवा में नियुक्त कर्मचारियों पर वही नियम तथा प्राविधान लागू होंगे जो उ0प्र0 सरकार के कर्मचारियों पर समय–समय पर लागू रहेंगे।
(2)यदि परिषद् किसी कर्मचारी के बारे में इस बात से संतुष्ट है कि सम्बन्धित कर्मचारी की सेवाशर्तों के किसी प्राविधान के लागू किये जाने से उक्त कर्मचारी को अनावश्यक कठिनाई या परेशानी होगी तो उस दशा में उक्त नियम के प्राविधानों को समुचित प्रतिबन्धों सहित इस मात्रा में लागू न किये जाने या शिथिल किये जाने के आदेश दे सकते हैं जिससे कि सन्दर्भगत कर्मचारी को उचित एवं आवश्यक सहायता प्राप्त हो सके।
उक्त आदेश परिषद् के उस समय लागू नियमों के प्रावधानों आदि से किसी भी प्रकार बंधित नहीं होंगे और उनका निर्धारित सीमा तक अतिक्रमण करते हुये लागू होंगे।
नोट–नियमावली में समय–समय पर उ0 प्र0 गन्ना शोध परिषद की गवर्निग बाडी तथा शासन द्वारा लिए गये अन्य निर्णयों का व्यवहारिक रूप में परिषद द्वारा पालन किया जाता हैं। |