इतिहास

इतिहास

उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् सन् 1912 में तत्कालीन कृषि रसायनज्ञ जार्ज क्लार्क द्वारा एक शोध केन्द्र के रूप में स्थापित किया गया था। सन् 1931 में शुगर टैरिफ एक्ट लागू होने के साथ ही चीनी उद्योग तीव्र गति से विकसित हुआ और गन्ना राज्य की प्रमुख नकदी फसल बन गया। वर्ष 1944 में राज्य सरकार द्वारा कृषि निदेशक, उ0प्र0, लखनऊ के प्रशासनिक नियंत्रण में शोध केन्द्र के प्रथम निदेशक की नियुक्ति की गयी। गन्ना शोध कार्य एवं उपज वृद्धि में समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से वर्ष 1972 में यह शोध केन्द्र गन्ना आयुक्त, उ0प्र0, लखनऊ के नियंत्रण में आ गया। शोध कार्यों में गति लाने के उद्देश्य से महामहिम राज्यपाल, उ0प्र0 द्वारा दिसम्बर 1976 में उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् की स्थापना की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी। फलत: वर्ष 1977 में गन्ना शोध संगठन को सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अन्तर्गत पंजीकृत करके एक स्वशासी संस्था ’’उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद्’’ का गठन किया गया जिसका मुख्यालय शाहजहॉंपुर रखा गया। कालान्तर में चीनी उद्योग एवं गन्ना की क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप प्रदेश के विभिन्न भागों में अनेक गन्ना शोध एवं बीज संवर्धन केन्द्रों की स्थापना की गयी।