आधुनिक कृषि पद्धति में अधिक उपज प्राप्त करने हेतु रासायनिक उर्वरकों, रोग/कीटनाशक दवाओं व अन्य रसायनों का अत्यधिक प्रयोग तथा जैविक खादों का प्रयोग नगण्य किये जाने से मृदा के अन्दर लाभकारी सूक्ष्म जीवाणुओं की सक्रियता एवं उनकी संख्या में काफी कमी आ गयी है। साथ ही मृदा का कार्बनिक स्तर भी काफी नीचे गिरता जा रहा है जिससे मृदा की उर्वरता में निरन्तर ह्रास हो रहा है। सैलुलोजयुक्त कार्बनिक पदार्थों (गन्ने की पत्ती, बैगास, प्रेसमड, कूड़ा–करकट) आदि के विघटन हेतु प्रभावी जीवाणुओं के जाचोपरांत ट्राइकोडरमा स्पीशीज को सर्वाधिक उपयुक्त पाया गया।
मृदा में इनकी संख्या काफी कम हो जाने से प्राकृतिक रूप में इनसे होने वाला लाभ नहीं मिल पा रहा है। संस्थान द्वारा इस जीवाणु का आर्गेनोडीकम्पोजर के नाम से व्यवसायिक स्तर पर उत्पादन करके विभिन्न चीनी मिलों को उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि मिलों से पर्याप्त मात्रा में निकलने वाले सहउत्पाद ’प्रेसमड’ का विघटन कर कार्बनिक खाद के रूप में उपयोगिता सुनिश्चित करायी जा सके।
नत्रजन स्थिरीकरण (एजोटोबैक्टर) एवं फास्फोरस घोलक (पी0एस0वी0) कल्चर जैविक उर्वरकों का व्यापक स्तर पर उत्पादन किया जा रहा है जिनका प्रयोग फसलोत्पादन वृद्धि के लिये प्रयुक्त किया जा रहा है संस्थान द्वारा गन्ने के मृदा जनित रोगों जैसे उकठा, पाइन एपिल, रुट रॉट के प्रभावी नियंत्रण हेतु 'अंकुश' नामक कल्चर का उत्पादन किया जाता है।
उ० प्र० गन्ना शोध परिषद्, शाहजहांपुर द्वारा निर्मित जैव उत्पाद
क्र० स०
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उत्पाद का नाम
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उपयोग दर/ हे०
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मूल्य/ कि० ग्रा०
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उपयोगिता
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1. |
अंकुश
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10कि० ग्रा० |
Rs 50.00 |
उकठा, पाइनएप्पल, रूट-रॉट, एवं मृदाजनित रोगों के रोकथाम हेतु
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2. |
पी० एस० बी०
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10कि० ग्रा० |
Rs 50.00 |
मृदा में स्थित अविलेय फास्फोरस को घुलन शील अवस्था में परिवर्तन करने हेतु
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3. |
एजोटोबैक्टर
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10कि० ग्रा० |
Rs.50.00 |
वायु मंडलीय नाइट्रोजन के स्थिरीकरण हेतु
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4. |
आर्गनोडीकम्पोजर
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1कि० ग्रा०/ 10कुं०(कार्बोनिक पदार्थ)
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Rs.50.00 |
प्रेसमड( मैली ), कूड़ा करकट को सड़ाने हेतु
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नोट - समस्त जैवउत्पाद किसी भी कार्य दिवस में इच्छित मात्रा (01, 02, 05 कि0ग्रा0) में प्राप्त किया जा सकता है।