आनुवांशिकी

उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद् के प्रमुख उद्देश्य

आनुवांशिकी

1. उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद शाहजहॉंपुर में जर्मप्लाज्म को आनुवंशिक शुद्धता तथा रोगरहित अवस्था में संग्रहित किया गया है। इस संस्थान पर गन्ने की विभिन्न स्पीशीज के अतिरिक्त गन्ने की देशी एवं विदेशी किस्मों के कुल 526 क्लोन संरक्षित हैं मूल्यांकन उपरान्त को0शा0 8436ए को0शा0 88230ए को0से0 92423ए को0से0 98231ए को0 0238ए को0 0118ए एवं को0लख0 8102 अच्छी पायी गयी हैं। इनके आपसी संकरण से अधिक उपज एवं उच्च शर्करा युक्त किस्म का विकास सम्भव है।
2. गन्ने की पेड़ी क्षमता के आनुवांशिकीय अध्ययन के अन्तर्गत पाया गया कि जिन किस्मों में मिल योग्य गन्नों की संख्याए पोरियों की संख्या व मिट्टी के अन्दर अवशेष के रूप में बची आंखों की संख्या प्रति स्टूल में अधिक होगी वे अच्छी पेड़ी देने वाली किस्में होगीं।
3. यू0पी0 9530ए को0से0 98231, को0से0 96436, कोसे0 92423, को0पन्त0 84211, को0लख0 8102 एवं बी0ऊ0 91 ऊसर भूमि हेतु तुलनात्मक रूप से अच्छी पायी गयी हैं। इनका पैरेंट के रूप में उपयोग कर उपयुक्त किस्म का विकास किया जा सकता है।
4. वर्तमान में जर्मप्लाज़्म को महत्वपूर्ण एग्रो मॉर्फोलॉजिकल ट्रेट्स के आधार पर मूल्यांकित करने के अतिरिक्त गन्ने में लगने वाले प्रमुख रोग रेड रॉट के लिए उत्तरदायी फंगस Colletrotrichum falcatum Went. की विभिन्न रेसेस के लिए स्क्रीन किया जा रहा हैए जिससे रेड रॉट के प्रति अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली किस्मों को नयी किस्मों के विकास के लिए उपयोग में लाया जा सके।